Sunday, January 31, 2016

शमशान में लकड़ियों के बजाय गैस का बर्नर किया समाज को अर्पित : अजमेर के दीपक लाल चाँद विधानी परिवार व लायंस क्लूं की अनूठी पहल.

आज ३१ जनवरी को गांधीधाम में एक अनुकरणीय समाज सेवा के कार्य से रूबरू कराया  दीपक लाल चाँद विधानी परिवार ने. लायंस क्लब, गांधीधाम की प्रेरणा से इस प्रोजेक्ट की सम्पूर्ण लागत करीब २० लाख रूपए विधानी परिवार ने वहन  किये.
इस प्रोजेक्ट से जहाँ एक ओर लकड़ी जलने व जंगल कटने से बचत करने  में पर्यावरण की मदद होगी एवं  धुएं से वायु में होता प्रदुषण रुकेगा, वहीँ इस विधि से यह क्रिया कर्म सिर्फ ४५ मिनट में पूर्ण हो जाएगा, जिसमें अमूमन ३ - ४ घंटे का समय लग ही जाता है, और यदि लकडिया गीली हुई तो फिर घी, शक्कर उंड़ेल उंड़ेल कर दुनिया भर की मशक्कत करनी पड़ती है सो अलग.  
इस समाज सेवा के कार्य में बाकायदा एक हवादार  हाल मय कुरिसियों, पंखे, लाइटें आदि फिटिंग सहित, जिसमे लोग आराम से बैठ सकें, बाग़ बगीचा, मंदिर, साफ़ सुथरे टॉयलेट्स भी देखने को मिले. जो एक उदार परिवार और लायंस जैसी संस्था की सोच का परिणाम है।
इस प्रोजेक्ट में एक गैस का एक चेंबर है।  जिसमे डेड बॉडी एक ट्रॉली पे रख कर एक  गुफा में जो देखने में एम.आर.आई/ सी टी वाली टनल जैसी दिखती है, में  रख कर शटर बंद करने के बाद गैस से फायर किया जाता है जिसमें सिर्फ एक गैस सिलिंडर काम में आता है।  हालांकि प्रेशर बनाने के लिए सात सिलेंडर एक साथ लगाए जाते हैं। कुल  १२०० रुपए लागत की २० किलो कोमर्शियल  सिलेँडर की गैस काम में आती है। जिसके एवज में परिजनों से  मदद  स्वरुप कुछ भी आर्थिक रूप में नहीं स्वीकार करने का प्रावधान है।

ऐसे  स्वच्छ, शांति दायक मुक्ति धाम से जब आत्मा शरीर छोड़ने के बाद अपने  वैकुंठ धाम की यात्रा के लिए प्रस्थान करेंगी तो बड़ा सकूँन लेकर और विधानी परिवार को दुआएं देती हुई परम पिता परमेश्वर के दरबार में पहुंचेंगी।

दीपक विधानी, पुष्कर घाटी के आरम्भ पर संचालित, अजमेर से कुछ वर्ष पूर्व ही अपने पोल्ट्री के कारोबार को समेट  कर गांधीधाम शिफ्ट हो गए थे। अजमेर के लोग उन्हें एक उदार व सदा ओरों की मदद के लिए तत्पर एक अच्छे नागरिक व दोस्त के रूप में आज भी याद करते है।

इतने प्रेरणादायी  समाज सेवा के इस कार्य का गवाह बनने के बाद मैं अपने उदगार  लिखने से नहीं रोक पाया, और इस शुभ इच्छा से अपना यह ब्लॉग समाज को अर्पित कर रहा हूँ की अन्य शहरों में भी नागरिक प्रेरित हों और मरणोपरांत हम अपने मित्रों, परिजनों को जब मुक्ति धाम ले जाएँ तो हम सब को ही नहीं बल्कि दिवंगत आत्मा को भी शांति और सकूँन महसूस हो।

डॉ. अशोक मित्तल, मेडिकल जर्नलिस्ट
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Dr. Ashok Mittal
Director & Chief Orthopedic Surgeon
Old Mittal Hospital
249 A, Main Road, Vaishali Nagar, Ajmer 305006
Ph. 0145 2970272

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