Wednesday, January 28, 2015

मोदी जी!
डॉक्टरों के अच्छे दिन कब आएँगे?
ज़हरीली दवा से मौत; नतीज़ा- डॉक्टर जेल में!
अस्पताल में परीज़न नाराज़; नतीज़ा - डॉक्टर की पिटाई!
हॉस्पिटल में नई मशीनों पर करोड़ों खर्च: डॉक्टर को सेलरी कितनी? २०,००० रुपए मासिक।
कुछ समय बाद घटिया मशीन खराब कौन ज़िम्मेदार: डॉक्टर!
अस्पताल की छत का प्लास्टर टूटा हो, औज़ारों में जंग लगा हो, ऑपरेशन थियेटर में मक्खी - मच्छर, कुत्ते - बिल्ली - चूहे सैर कर रहें हों - कौन ज़िम्मेदार ..........ड़ॉ ....र।
मरीज़ के वास्ते रात दिन, जी जान कौन लगाता है? ..........डॉक्टर।
मंत्री जी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आदि प्रभावशाली  हस्तियाँ जब अचानक हॉस्पीटल का निरीक्षण करते है तो उसके बाद किसे दोषी पाते है? (डॉक्टर को)
दवा की कमी, स्टाफ की कमी, डॉक्टर की कमी, बिस्तर, चादर, पानी, सफाई की कमी; कौन ज़िम्मेदार? बेचारा फिर वही..
हरेक निरीक्षण के बाद मीडीया कहता है अब "सुधरेगी अस्पताल की हालत" मंत्री जी ने भरोसा दिलाया.
ऐसी खबरें सुर्ख़ियो में साल भर में ८-१० बार तो आ ही जाती है और एक नई रोशनी मन में जगा जाती है की अब कुछ सुधरेगा। वो रौशनी की किरण कुछ समय बाद फिर
फिर से बुझ जाती है जब सुनने में आता है: "मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा अस्पताल में तोड़फोड़, डॉक्टरो की पिटाई, अस्पताल पर इलाज़ में लापरवाही का आरोप" और आख़िर में "पुलिस द्वारा लापरवाही का मामला दर्ज".
किसके खिलाफ ? वही ... डॉक्टर और कौन. तो ये रोशनी की किरण के रोशन होने और गुल होने का सिलसिला कभी ख़त्म नहीं होने वाली शाश्वत क्रियाओं जैसे प्रतिदिन सूरज के उगने - डूबने जैसा लगता है।
और तो और पिटने के बाद, डाक्टरो का हड़ताल करना भी मानवता के खिलाफ और मरीज़ो की अनदेखी माना जाता है। मीडिया भी इसे अमानवीय कृत्य की उपाधियों से अलंकृत करने में पीछे नहीं रहता है।
किसी भी सरकारी अफ़सर को उँची आवाज़ में भी बोल दिया तो "सरकारी कार्य मे बाधा" के इल्ज़ाम मे क्या हो सकता है आप को पता है. लेकिन पिटने के बाद, दुर्व्यवहार के बाद भी डॉक्टर को ऐसी कोई सुरक्षा प्रदान नही है।  क्यूँ कि उसे सिर्फ़ सेवा करनी है मुह पर पट्टी बाँध कर। 
प्राइवेट डॉक्टर की क्लिनिक या प्राइवेट हॉस्पिटल में कोई ऐसी दुर्घटना हो जाए तो और भी बुरा।  अस्पताल का लाखों का नुकसान, १०-२० दिन हॉस्पिटल के दरवाजे बंद, पुलिस केस और साथ में आदि आदि कई झंझट. कौन भुगतता है? डॉक्टर! पर क्यों ??? समाज की नजरों में, समाज की पलकों पर नवाजे जाने वाले और धरती पर ईश्वर का स्वरुप मने जाने वाले डॉक्टर वर्ग का क्या इससे भी बुरा समय हो सकता है?

मोदी जी, अच्छे दिन आने वाले है,  ऐसी चर्चा आपने की थी,
पर डॉक्टरों के अच्छे दिन कब आएँगे??????  11  दिस 2014 

डॉ. अशोक मित्तल  drashokmittal.blogspot.com 

1 comment:

  1. Revive Research Institute is developing game-changing treatments. Our professional physicians are participating in clinical research studies to provide improved treatment techniques. Mutant Solid Tumors



    Company: revivalresearch
    Address : 28270 Franklin Rd, Southfield, MI 48034, United States
    Phone: 248-721-9539
    Fax: 248-721-9539
    Zip code: 48034
    State: Michigan
    City: Southfield

    ReplyDelete