Thursday, January 29, 2015

महात्मा गांधी के देश में क्यों है आदमी इतना अशांत?
26 जन. को ओबामा आये, बापू को श्रधान्जली दी, स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श बताया, उन्ही की तरह "मेरे भारत के भाइयों और बहनों" के सम्बोधन से अपने भाषण शुरू किया, मार्टिन लूथर किंग और विनोभा भावे की अजमेर के गगवाना की मीटिंग का जिक्र भी आया। इन सब बातों और घटनाओं से क्या हम ये मान लें की अब देश में भाईचारा, प्रेम, आपसी सहयोग,सुखशांति का जो सपना बापू ने देखा था, वो अब पूरा होने का सही समय आ गया है?
क्या बापू की आत्मा सन्तुष्ट है? अब तक के 67 वर्षों के आज़ाद इंडिया की प्रोग्रेस से?

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