Thursday, February 4, 2016

दोष चिकित्सा व्यवस्था या तकनीक का नहीं, अपितु सामाजिक सोच का है

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[9:18PM, 03/02/2016] Ashok Mittal: [7:19PM, 03/02/2016] +91 94609 00733:
सिंघल सर ने कहा:-
👏 डा. अशोक मित्तल,
दोष चिकित्सा व्यवस्था या तकनीक का नहीं, अपितु सामाजिक सोच का है, जिसमें अभी भी पुरुष को प्रधानता दी जाती है। अनेक परिवारों में आज भी लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव रवैया देखने को मिलता है।
[9:02PM, 03/02/2016] Ashok Mittal: 👏सिंघल सर।
ये सोच ही है जड़ इस बुराई की।
[9:08PM, 03/02/2016] Rajkumar Nahar Smart City: ने लिखा:-
महिलाओं को यह समाज आज भी, पहले से कहीं ज्यादा, कमतर समझा जा रहा है। हमारी नारी के सम्बध में दोहरी सोच है। नारी को देवी रुप में पूजते हैं तथा आम जीवन में भोग्या मानते हैं। ढोर पशु और नारी को ताडन योग्य मान जाप करते हैं। यदि राज नेता एक पहल कर लोक सभा/राज्य सभा/विधान सभा आदि में बराबर का नम्बर भी दे दे तो नारी शक्ति का मान स्वतः बढ जायेगा। कन्या भ्रूण हत्या होती ही इसलिये है कि कन्या को पराया धन कह कर उसके जन्म लेते ही रट लगाना चालू हो जाता है। संपत्ति में ऊसका शादी के बाद बराबर का अधिकार legal कर देने से भी समस्या पर काबू पाया जा सकता है। मात्र दो पुत्रियों वाले परिवारों को हर क्षेत्र में फायदा देने से भी फर्क पडेगा। सदियों से बनी मान्यताओं को खत्म करने में समय जरूर लग सकता है पर ईमानदार कोशिश तो करनी पडेगी। ऐसे समाज जिनमें यह समस्या ज्यादा है वहाँ विशेष कोशिश करनी पडेगी। दुर्भाग्य से भारतीय समाज hypocrite society है और हम सब कहीं न कहीं थोडे या ज्यादा जिम्मेदार हैं। महिलाओं का सम्मान करना अपने घरों से चालू करना पडेगा। क्रमशः।
[9:14PM, 03/02/2016] Ashok Mittal: 👏नाहर सर।इस समस्या की सबसे मूल जड़ ही यही है जो आपने फरमाया। इसे दरकिनार कर सब यही उम्मीद लगाए बैठे हैं की PCP&DT Act अकेला ही इस लिंग अनुपात को सही कर देगा।
[9:23PM, 03/02/2016] Ashok Mittal: [7:13PM, 03/02/2016] Gurjinder Singh Virdi Press: Bahut sahi likha hai Mittal sir... gahan vicharneey bindu hai aur aapka tark ekdum sahi hai... samaj ka drishtikon sudhaarne ki jaroorat hai, technology ko band karne ya kanoon banaane se maansikta nahin sudhar jaayegi...uss par kaam karne ki zaroorat hai,
[7:26PM, 03/02/2016] Ashok Mittal:ने लिखा 👍👍
[9:18PM, 03/02/2016]
[10:35AM, 04/02/2016] Shashi Pyar Ji: आपने बिलकुल सत्य लिखा है।मैं आपकी बात से सहमत हूँ।हमारे भारतीय समाज मैं जो औरतो के प्रति पुरुषों के मन मैं संकुचित मानसिकता है उसे दूर करना बहुत आवश्यक है। सारा दोष चिकित्सा विभाग पर डालना उचित नहीं है। कई परिवारों मैं देखने और सुनने को मिलता है की आये दिन औरतों के साथ मारपीट की जाती है,उन्हें प्रताड़ित किया जाता है।बेटी के जन्म के साथ ही माँ बेटी दोनों को कोसा जाता है।कई समाज व परिवारो मैं जन्म के साथ ही कन्या को मार दिया जाता है।यह सब इसका बहुत बड़ा कारन है। इस मानसिकता को बदलने की शुरुआत हमारे परिवारो से ही करनी होगी।जब तक पुरुष प्रधान समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी तब तक सुधार होना सम्भव नहीं है।
[10:36AM, 04/02/2016] Shashi Pyar Ji:
Bhaiyya aapke blog ka link send kar do..main uspe apne reply post kar dungi
[10:47AM, 04/02/2016] Ashok Mittal: http://drashokmittal.blogspot.com/
[2:17PM, 04/02/2016] Ashok Mittal: 👍👍

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