Thursday, December 3, 2015

पोस्टमोर्टम रिपोर्ट ने दिखाया आइना!
पुष्कर रोड स्थित घीसीबाई मित्तल अस्पताल में पिछले हफ्ते हुई मौत का सही समय जे.एल.एन. अस्पताल द्वारा  जारी पोस्टमोर्टम रिपोर्ट के अनुसार लगभग वही आया है जो परिज़नों को बताया गया था. याने चार दिन पहले हुई मौत एक सफ़ेद झूठ साबित हुई. इस सारे हंगामे के पीछे कुछ और कारण था जो जांच का विषय हो सकता है.
वैसे भी इतने रिस्की ऑपरेशन जिनमें व्यक्ति मौत के कगार पे खडा हो और बाई पास से 98% को जीवन दान मिल जाए, क्या कोई चमत्कार से कम है ??
समुदायों, जातियों, और धार्मिक संगठनों द्वारा इस तरह के अमानवीय प्रदर्शन अस्पतालों में करना कहाँ तक उचित है ये आज के सभ्य समाज को सोचना होगा. क्या अस्पताल किसी धार्मिक स्थल से कम है? जहां पीड़ित मानव की सेवा होती हो, जहाँ हर मरीज व उसके परिजन शांति का, सोहार्द का व सुरक्षा का माहोल चाहते हैं. वहां अन्य मरीजों पर क्या इन प्रदर्शन कारियों को दया नहीं आनी चाहिए?
क्या मरीज़ का धर्म या जाती देख कर चिकित्सक इलाज़ करता है? कभी नहीं. तो फिर क्या अगली इसी तरह की कोई अनचाही घटना हुई तो उस के परिज़न भी अपनी जाती के लोगों को इकठ्ठा करके फिर हंगामा, शोर-शराबा आदि करेंगे  और झूटे ज्ञापन देंगे?
डोक्टरों द्वारा निकाली गयी संगठित व शान्ती-पूर्ण रेली निश्चित ही एक सराहनीय कदम है. वैसे भी शांति के दूत इससे अधिक क्या कर सकते है? हाँ कुछ डोक्टर दबी जुबान में ये कहते भी पाए गए की वो रेली मित्तल अस्पताल द्वारा प्रायोजित या आयोजित थी. इस लिए वे बहिष्कार कर गए. तो क्या इन बहिष्कार करने वालों को भगवान् का दर्जा प्राप्त है जो इनके इलाज़ से कभी किसी मरीज का अनचाहा परिणाम नहीं आता या वे और ऐसे हादसे होने का इंतज़ार कर रहें हैं जिसके लपेटे में वे भी आवें ?? अन्य अस्पतालों व चिकित्सकों को ये नहीं सोचना चाहिए की अमुक की बदनामी होने से हमारा हॉस्पिटल ज्यादा चलने लग जाएगा. वैसे भी डॉक्टरों का समुदाय कई छोटे छोटे धडों में में बंटा हुआ है. IMA, PMPS, FMCTA, RMCTA, IOA, API, सरकारी, प्राइवेट डॉक्टर ऐसोसिएशन जैसे अनगिनत संगठन है जिसकी वजह से कोई एक साझा मंच नहीं है जहां से पीड़ित डॉक्टर अपनी आवाज उठा सके.
समाज व प्रशाशन को भी कड़ाई से उन नियमों का पालन करना चाहिए जिनके अनुसार अस्पतालों में की गई कोई भी क्षति दंडनीय अपराध है.
सभी अलग अलग डोक्टरों के धडों को एक होकर इन वारदातों की सख्त भर्त्सना व विरोध करना चाहिए वरना अगला हादसा किस अस्पताल में होगा व कौन डॉक्टर जेल जायेगा इसका इंतज़ार करना चाहिए.
डॉ. अशोक मित्तल  मेडिकल जर्नलिस्ट dr.ashokmittal.blogpost.g

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