पेट में साडे पांच किलो की गाँठ से था जान को खतरा : मिला जीवन दान
44 वर्षीय महिला के बच्चे दानी में पनप रही साढे पाच किलो की गाँठ की
शल्य क्रिया सफलता पूर्वक संपन्न कर अजमेर के एक निजी चिकित्सालय में डॉक्टरों ने किया कमाल. महिला अब
पूर्णतया स्वस्थ है.
इतनी वजनी व बड़ी 24 से.मी. की गाँठ का ऑपरेशन अपने आप में एक चुनौती
है. बच्चे दानी में इतने बड़े फ़ाइब्रोइड दुर्लभ होते हैं, इसका इतना बड़ा हो जाना मरीज
की ओर से बरती गयी घोर लापरवाही का सूचक है. इन फ़ाइब्रोइड का कैंसर में परिवर्तित
होने की पूरी पूरी सम्भावना होती है.
24 घंटे पश्चात फोन पर बात करने पर आज मरीज ने सकुशल होने का समाचार दिया व कहा की उसे इस गाँठ का कोई आभास ही नहीं हुआ. पेट फूलने पर वो इसे पेट में गैस भरना समझती रही. उसने अपना नाम भी ब्लॉग में लिख देने को कहा. पुरानी मंडी निवासी रेनू पत्नी श्री अनिल वर्मा ने ऑपरेशन के बाद संतुष्टि जाहिर की है.
24 घंटे पश्चात फोन पर बात करने पर आज मरीज ने सकुशल होने का समाचार दिया व कहा की उसे इस गाँठ का कोई आभास ही नहीं हुआ. पेट फूलने पर वो इसे पेट में गैस भरना समझती रही. उसने अपना नाम भी ब्लॉग में लिख देने को कहा. पुरानी मंडी निवासी रेनू पत्नी श्री अनिल वर्मा ने ऑपरेशन के बाद संतुष्टि जाहिर की है.
वैशाली नगर स्थित गेटवेल अस्पताल की निदेशक डॉ. अनुपमा मेहता व सर्जन डॉ. राजा मेहता ने बताया की उनके सर्जरी के लम्बे अनुभव के कारण इस ऑपरेशन को करने में उन्हें कोई
परेशानी या हिचक नहीं हुई. चिकित्सा समुदाय से जुडे IMA, PMPS व अन्य असोसिएशन के सदस्यों द्वारा
लगातार उन्हें बधाई सन्देश मिल रहे हैं.
डॉ. राजा मेहता व डॉ. अनुपमा 1997 से अब तक करीब 2०,000 से अधिक सफल ओपरेशन कर चुके
हैं.
डॉ. अशोक मित्तल, मेडिकल जर्नलिस्ट, drashokmittal.blogspot.com
facebook/ashok.mittal.37 mittal.dr@gmail.com
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