स्वाइन फ्लू से बचाव :- व्हाट्स-एप पर कपूर + इलायची को सूंघने या फिर
गिलोय का अर्क बना कर पीने जैसे कई भांति भांति के फॉर्मूलों के सन्देश आ
रहे हैं। मैंने आयुर्वेदाचार्यों से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने
बताया कि उपरोक्त उपाय या फॉर्मूलों का कोई ठोस आधार नहीं है। बल्कि उन्होंने जो राय दी वह निम्न है:-
१. भूखे पेट घर से नहीं निकलें . २. धूणी के रूप में पूरे घर में नीम की सूखी पत्ती + गूगल का धूआँ रोज़ करना चाहिए। ३. दसमूलरारिष्ट व महारासादि की २ - २ चम्मच सुबह शाम लेनी चाहिए। ४. काढ़ा - १० पत्ते तुलसी, १० काली मिर्च, १ लोंग, १ चुटकी हल्दी, १ टुकड़ा अदरक, को १ गिलास पानी में उबाल कर सेवन करने से रोग निरोधक क्षमता बढ़ेगी। ५. मास्क का उपयोग ६. भीड़ भाड़ से दूर ७. खांसते - छींकते वक़्त मुंह पर रूमाल रखें
एलोपेथी में टेमीफ्लू (ओसेल्टामिविर) की गोली बचाव व उपचार दोनों में भिन्न भिन्न मात्रा में दी जाती है।जो सरकारी अस्पतालों में मरीज़ को फ्री दी जाती है।
डॉ. अशोक मित्तल। ०७-०२-२०१५
१. भूखे पेट घर से नहीं निकलें . २. धूणी के रूप में पूरे घर में नीम की सूखी पत्ती + गूगल का धूआँ रोज़ करना चाहिए। ३. दसमूलरारिष्ट व महारासादि की २ - २ चम्मच सुबह शाम लेनी चाहिए। ४. काढ़ा - १० पत्ते तुलसी, १० काली मिर्च, १ लोंग, १ चुटकी हल्दी, १ टुकड़ा अदरक, को १ गिलास पानी में उबाल कर सेवन करने से रोग निरोधक क्षमता बढ़ेगी। ५. मास्क का उपयोग ६. भीड़ भाड़ से दूर ७. खांसते - छींकते वक़्त मुंह पर रूमाल रखें
एलोपेथी में टेमीफ्लू (ओसेल्टामिविर) की गोली बचाव व उपचार दोनों में भिन्न भिन्न मात्रा में दी जाती है।जो सरकारी अस्पतालों में मरीज़ को फ्री दी जाती है।
डॉ. अशोक मित्तल। ०७-०२-२०१५
No comments:
Post a Comment